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हिंदी नाम – आम
संस्कृत नाम – आम्रम
वानस्पतिक नाम - मैंगिफेरा इंडिका
आम फलों का राजा है और यह एक बड़ा छायादार वृक्ष है। यह भारतीय मूल का है। आम के पेड़ का जीवन एक सौ पचास वर्ष से अधिक का होता है।
आम के पेड़ की ऊंचाई तीस से चालीस फीट और व्यास पंद्रह से अठारह फीट तक होता है। आम के पेड़ का आकार मुकुट जैसा होता है और आठ से बारह मीटर के क्षेत्र में फैला होता है।
मैंगो शेक - गर्मियों में रात के खाने के बाद मैंगो शेक मिल जाये तो क्या बात है ! इसे बनाना तो और भी आसान है। बढ़िया रस्सदार आम के गूदे को निकाल ले और फिर उसमे बराबर मात्रा में दूध मिला कर मिक्सी में मिक्स कर ले। स्वाद अनुसार मीठा डाले। बर्फ डालने से मैंगो शेक का स्वाद और भी बढ़ जाता है। अब ठण्डे-ठण्डे शेक का लुत्फ़ ले।
आम पन्ना - आम पन्ना तो हमें गर्मियों में गर्मी की मार (लू) से बचाता है। आम पन्ना आपके शरीर में गर्मियों में तरलता बनाये रखता है जिससे आपके शरीर मे लू नहीं लगती है। आम पन्ने को एक अच्छा पाचक पेय भी माना जाता है। आम पन्ने में विटामिन C की मात्रा भी भरपूर होती है जिससे ये आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ता है
अब हमें आम पन्ना बनाने के लिए दो कच्चे आम चाहिए। आम को छील कर काट ले व एक बर्तन में डाल कर उबाल लें। अब उबले हुए आम को कड़छी से मसल लें और उसके बाद उसमे २०० ग्राम चीनी डाले। चीनी घुलने तक इसे उबाले। अब इसमें भुने जीरे, काली मिर्च, काला नमक और छोटी इलायची का पाउडर तैयार कर मिला ले। अब पौदीना और अदरक के थोड़े से मिश्रण को मिला करके परोसे।
आम रस - आम रस बनाने के लिए हमे बढ़िया रस्सदार आम चाहिए। पहले आम को छील कर उसका गुद्दा निकाल ले अब इसके बाद आप इसे मिक्सर में या ब्लेडर से मिक्स कर लें। आम को मिक्स करने के बाद आप इसमें स्वाद अनुसार मीठा डाले और मिक्स करे। आमरस में चुटकी भर सौंठ और नमक डाल सकते है इससे इसका स्वाद बढ़ जाता है। आम के कुछ कटे हुए टुकड़े अब इसमें मिक्स करके परोसे।
आम के पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं। आम की पत्तियाँ 8 से 10 इंच लंबी और 2 इंच चौड़ी होती हैं। आम के पेड़ की छाल गहरे हरे रंग की होती है।
आम के वृक्षारोपण का सर्वोत्तम मौसम फरवरी-मार्च है। आम के पेड़ के लिए सभी प्रकार की मिट्टी उपयुक्त पाई जाती है। 4-5 सप्ताह में बीज अंकुरित हो जाते हैं और चार-पांच महीने में पौधा तैयार हो जाता है।
पांच साल के रोपण के बाद आम का पेड़ फूलना शुरू कर देता है। छोटे सफेद फूल मीठी महक से भरे होते हैं। दिसंबर-जनवरी के महीनों में फूल आना शुरू हो जाते हैं।
जब कच्चे फल हरे से पीले रंग में अपना रंग बदलते हैं तो यह कटाई का समय होता है। फल पकने में चार महीने का समय लगता है।
आम के पेड़ के पत्तों के बिना धार्मिक अनुष्ठान अधूरे हैं और लकड़ी का उपयोग वैदिक में हवन किया जाता है।
आम के पक जाने पर उद्यान क्षेत्र मुंह में पानी लाने वाली तेज मीठी सुगंध से भर जाता है। पके मीठे आमों को देखकर आप खुद पर काबू नहीं रख सकते।
दुनिया भर में आम की सौ और अधिक किस्में उपलब्ध हैं। कुछ प्रसिद्ध हापुस, दशरी, लंगड़ा और कई अन्य हैं।
आम गर्मियों का फल है। आम का फल सुनहरे पीले गूदे के साथ मीठे सुगंधित रस से भरा होता है। आम उच्च फाइबर के साथ कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है।
मैंगो फाइबर बवासीर और कब्ज से राहत दिलाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। आम एंटीऑक्सिडेंट, खनिज, आहार फाइबर का एक बड़ा स्रोत है।
अगर दूध के साथ सेवन किया जाए तो यह वजन बढ़ाने को बढ़ावा देता है, यह अपने एंटी-एजिंग गुणों के कारण उम्र बढ़ने को धीमा करने में मदद करता है।
आयुर्वेद में आम के पेड़ की छाल और पत्तियों का उपयोग एसिडिटी, डायबिटीज, एंटी-अल्सर, एंटी-एजिंग, एंग्जायटी और पेचिश जैसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
आम को फलों के राजा के रूप में जाना जाता है और यह इम्युनिटी को बढ़ाता है जो आपको स्वस्थ रखता है।
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